» » » Type of mutual funds plans

निवेशकों की जरूरतों, आयु, वित्तीय स्थिति, जोखिम तत्वों और आय सम्बन्धी अपेक्षाओं के अनुसार म्यूचुअल फंड की तरह–तरह की योजनाएं होती हैं।

खुले विकल्प वाली (ओपन एन्डेड) योजनाएं

इनकी निश्चित परिपक्वता नहीं होती है। आप अपने निवेश और भुगतान के लिए म्यूचुअल फंडों के साथ सौदेबाजी करते हैं। इनकी मुख्य विशेषता तरलता है। आप अपनी सुविधानुसार शुद्ध सम्पति मूल्य (नैव) सम्बन्धी मूल्यों पर किसी भी समय खरीद–बिक्री कर सकते हैं।

बिना विकल्प की (क्लोज एन्डेड) योजनाएं

जिन योजनाओं की परिपक्वता अवधि निर्धारित (2 से 15 साल तक) होती है, वे बिना विकल्प की योजनाएं कहलाती हैं। इनमें प्रारिम्भक इश्यू के समय निवेश किया जाता है और उसके बाद आप उन स्टॉक एक्सचेंज में ही इनकी यूनिट खरीद- बिक्री कर सकते हैं, जहां ये सूचीबद्ध होते हैं। स्टॉक एक्सचेंज में बाजार मूल्य मांग और पूर्ति, यूनिटधारकों की उम्मीदों और अन्य बाजार घटकों के कारण योजना के नैव से कम–ज्यादा हो सकता है। क्लोज एन्डेड योजनाओं की एक और विशेषता यह है कि ये आमतौर पर नैव पर छूट के साथ खरीदी–बेची जाती हैं, लेकिन परिपक्वता के पास आते–आते इन पर छूट कम हो जाता है।

कुछ क्लोज एन्डेड योजनाएं आपको अपनी यूनिटें नैव सम्बन्धी मूल्यों पर आवधिक पुनर्खरीद के माध्यम से म्यूचुअल फंड को बेचने का अतिरिक्त विकल्प भी प्रदान करती हैं। सेबी नियमन यह सुनिश्चित करते हैं कि निवेशकों को योजना से बाहर निकलने के लिए कम से कम दो विकल्प अवश्य दिये जायें।

मध्यावकाश योजनाएं

इनमें ओपन एन्डेड और क्लोज एन्डेड योजनाओं की विशेषताओं का समावेश होता है। ये स्टॉक एक्सचेंज में खरीदे–बेचे जा सकते हैं या नैव सम्बन्धी मूल्यों पर पूर्वनिर्धारित मध्यावकाशों के दौरान विक्रय या निकालने के लिए खुली रहती हैं।

वृद्धि योजनाएं

इनका मकसद मध्यम से लम्बी अवधि के लिए पूंजी निर्माण होता है। साधारणतया ये योजनाएं अपना अधिकांश फंड इक्विटियों में निवेश करते हैं और भविश्य में मूल्य वृद्धि के लिए थोडे़ समय के लिए गिरावट की अपेक्षा रखते हैं।
ये योजनाएं उन निवेशकों के लिए नहीं होती हैं, जो नियमित आय या कुछ अवधि बाद अपना पैसा वापस पाने के इच्छुक होते हैं।

यह योजना इनके लिए उत्तम है:

  • वे निवेशक जिनकी आय उच्च स्तर पर है
  • वे निवेशक जो लम्बी अवधि में पूंजी–वृद्धि चाहते हैं
आय योजनाएं

ये योजनाएं निवेशकों को नियमित एवं सुदृढ़ आय देने के लिए होती हैं। ये योजनाएं सामान्यतया स्थायी आय प्रतिभूतियों जैसे बॉण्डों और कॉरपोरेट ऋणपत्रों में निवेश करती हैं।

ऐसी योजनाओं में पूंजी वृद्धि के अवसर सीमित होते हैं।

यह योजना इनके लिए उत्तम है:
  • रिटायर्ड व्यक्ति और अन्य जो पूंजी में स्थायित्व के साथ–साथ नियमित आमदनी चाहते हैं।
  • वे निवेशक जो अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कुछ आय चाहते हैं।
संतुलित योजनाएं

इस योजना का मकसद अपनी अर्जित आय या पूंजीगत लाभों के एक भाग को कुछ समय के लिए बांट कर वृद्धि और आय दोनों प्रदान करना है। ये शेयरों और स्थायी आय प्रतिभूतियों में प्रस्ताव दस्तावेज़ में दिये अनुपात के अनुसार निवेश करते हैं। स्टॉक एक्सचेंज में इन योजनाओं के नैव पर बाजार के उतार–चढ़ावों का ज्यादा असर नहीं पड़ता है।

यह योजना इनके लिए उत्तम है:
  • ऐसे निवेशक जिन्हें आय के साथ–साथ थोड़ी पूंजी–वृद्धि भी चाहिए। 
मुद्रा बाजार / तरल योजनाएं

ये आसान तरलता,पूंजी रक्षा और साधारण आय के मकसद वाली योजनाएं होती हैं। ये आमतौर पर सुरक्षित, कम समय के वित्तीय उपकरणों जैसे ट्रेजरी बिलों, जमा प्रमाण–प्रत्रों, वाणिज्यिक पत्र और अन्तबैं‍र्क मांग राशि में निवेश करती हैं।

इन योजनाओं से होने वाली आय में उतार–चढ़ाव होता रहता है, क्योंकि ये बाजार में प्रचलित ब्याज दरों से सीधे सम्बन्धित होते हैं।
यह योजना इनके लिए उत्तम है:
  • कॉरपोरेट एवं व्यक्तिगत निवेशक,जो अपनी शेष निधियों को छोटी–छोटी अवधियों के लिए या अधिक उचित निवेश विकल्पों में निवेश करते हैं। 
अन्य  योजनाएं
कर बचत योजनाएं (इक्विटी से जुड़ी बचत योजनाएं – ईएलएसएस)

ये योजनाएं निवेशकों को समय–समय पर कर नियमों के तहत कर में छूट प्रदान करवाती है और म्यूचुअल फंडों के माध्यम से इक्विटी शेयरों में दीर्घकालीन निवेश को प्रोत्साहित करती हैं।

यह योजना इनके लिए उत्तम है:
  • कर में छूट के इच्छुक निवेशकों के लिए
विशेष योजनाएं

इस श्रेणी में सूचकांक योजनाएं शामिल होती हैं,जो किसी खास सूचकांक जैसे बीएसई सेन्सेक्स, एनएसई50 (निफ्टी) या क्षेत्र विशेष की योजनाएं, जो किसी क्षेत्र विशेष में निवेश करती हैं, जैसे तकनीकी, संरचना, बैंक, फार्मा, आदि।

इसके अलावा ऐसी भी योजनाएं हैं, जो पूंजी बाजार के कुछ निश्चित खण्डों में भी निवेश करते हैं। जैसे बडी कम्पनियां, मध्य कम्पनियां, छोटी कम्पनियां, सूक्ष्म कम्पनियां, ए समूह के शेयर, प्रारिम्भक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ), आदि के द्वारा निर्गमित शेयर।

इन्डेक्स फण्ड योजनाएं उन निवेशकों के लिए बेहतर होती हैं, जो लगभग सूचकांक के बराबर आय मिलने से संतुष्ट रहते हैं।
क्षेत्र विशेष की निधि योजनाएं उन निवेशकों के लिए उपयोगी होती हैं,जिन्होंने किसी विशेष क्षेत्र में निवेश करने का निर्णय ले लिया है।

स्थायी परिपक्वता योजनाएं
 

स्थायी परिपक्वता योजनाएं म्यूचुअल फंडों द्वारा लायी गई निवेश योजनाएं होती हैं। ये एक निश्चित समयावधि की क्लोज एन्डेड योजनाएं होती हैं, जिनकी अवधि एक महीने से 3–5 साल तक होती है। ये योजनाएं मुख्यतया ऋणोन्मुख होती हैं। कुछ में एक छोटा भाग इक्विटी का भी रखा जा सकता है।

ऐसी योजनाओं का मकसद निश्चित परिपक्वता अवधि में अच्छी आय पैदा करना और निवेशकों को बाजार के उतार–चढ़ावों से बचाना होता है। स्थायी परिपक्वता योजनाएं खास प्रकार की स्थायी आय योजनाएं होती हैं जिनमें फण्ड मैनेजर योजना के परिपक्वता तक की निवेश कर सकता है। स्थायी परिपक्वता योजनाओं की गारन्टी नहीं दी जाती है।



«
Next
Newer Post
»
Previous
Older Post

No comments:

Post a Comment